तुमने लगा दी
उम्मीद की लत
और मेरे हिस्से की हंसी
जो गुम हो गयी थी
एक अजनबी के चेहरे
पर खिलती मिली
मैं फिर से मांग लाया
बरस बाद खुद को हंसाया
इतिहासलेखन का स्वरूप, इतिहासलेखन का उद्देश्य और इतिहासलेखन में समय-समय पर होने वाले परिवर्तनों का सीधा संबंध समकालीन राजनीति के साथ होता ह...
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