बीच भवंर में छोड़ा दिया पार्टी की नैया ठाकुर ने ,
बीजेपी के साथ किया क्या देखो भैया ठाकुर ने .
पुत्र मोह में छोड़ दिया अनुशासन और नैतिकता ,
लोकतंत्र की नयी राह पर लोभ मोह ही टिकता .
कहे बिहारी बेबस होके आपस की दूरी पाटो,
बीबी बच्चे बहु बेटे में पार्टी की टिकट बाँटो
Saturday, October 9, 2010
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कविता :-एक दिन मनुष्य भी हमारी अनुमति से खत्म हो जाएगा।
कितना मुश्किल होता है किसी को न बोल पाना हम कितना जोड़ रहे हैं घटाव में। बेकार मान लिया जाता है आदतन अपने समय में और अपनी जगह पर जीना किसी ...
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एक शब्द है बुढ़िया जो आदरसूचक अर्थ नहीं रखता मगर अवस्थाबोध जरुर कराता है जिसे भिखमंगे जैसी दया की दरकार होती है मेरी दादी वही हो गयी ...
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`सुबह की अलसाई नींद बिस्तर से उतरती है डगमगाते पैरों की मानिंद लेती है टेक आँख खुलने की सच्चाई आईने पर पसर जाती है और रौशनदान से सूरज की पे...
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इतिहासलेखन का स्वरूप, इतिहासलेखन का उद्देश्य और इतिहासलेखन में समय-समय पर होने वाले परिवर्तनों का सीधा संबंध समकालीन राजनीति के साथ होता ह...
1 comment:
om agar lalu yadav ke jel jane ke bad rabri devi CM ban sakti hai to us rajya me kya C P Thakur se jyada kabil yogya ummidbar hai dusre candidate .......ya to wo bahu bali honge ya phir adhik chanda diya hoga bat kuchh bhi ho putra moh to aakhir moh hi hai na.......
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