एक कविता
मेरे जीवन में आई है
चलकर
जिसकी चाल
ईश्वर की प्रार्थना की तरह
पवित्र है
एक कविता
जिसे मैंने रखा है
सहेज कर
कभी न मुरझाने वाले फूलों के साथ
एक कविता
जिन्दा रहती है
हमेशा
मेरे बगल में
और
मुझसे बतियाती है
तो
समय थम जाता है
एक कविता
जिसे मैं खोज़ता था
या
एक कविता
जो
मुझे खोजती चली आई
वो कविता
तुम्हारी अभिव्यन्ज़क है
जो
मेरे सिरहाने उतर गई है
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