Wednesday, June 9, 2010

सेमिनार

अब तो छुट्टी ख़त्म हो गयी है और मैं अपने हॉस्टल में वापस आ गया हूँ । कल से पहले तो आनेवाले १३ तारीख को होनेवाले हिस्टरी सेमिनार के लिए अपना लेख तैयार करूँगा जो वैशाली के इतिहास से सम्बंधित होगा ।

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कविता :-एक दिन मनुष्य भी हमारी अनुमति से खत्म हो जाएगा।

  कितना मुश्किल होता है किसी को न बोल पाना हम कितना जोड़ रहे हैं घटाव में। बेकार मान लिया जाता है आदतन अपने समय में और अपनी जगह पर जीना किसी ...