Tuesday, June 11, 2019

हे युधिष्टिर

हे युधिष्ठिर
हम प्रणाम करते हैं तुम्हें
अपने कुलदेवता की तरह
हम सबमें तुम बसे हो
धर्मराज बने रहने के लिए
हमने तुम्हारी भाषा अपना ली है
हम बचा लेते हैं कथन को
झूठ होने से
जो सच भी नहीं होता है।
इस तरह
मन मैला नहीं होता
ग्लानि भी नहीं
उद्देश्य पूरा हो जाता है
कोई अंगुली भी नहीं उठा पाता है।

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