Monday, January 22, 2018

पढ़ो और लिखो पर...

पढ़ो
पढ़ते रहो
और
अपने समय मे पढ़ते दिखो
गीता रामायण से फिल्मी कलियाँ तक पढो।
पढो कि
हमारा देश था सोने की चिड़िया
पढो कि परमाणु बम भी हमारे पास है
कि सभ्यता की जननी
विश्वगुरु हैं हम
कि अनुष्का की शादी इटली में हुई विराट के साथ
मगर इसके बीच
मत पढ़ लेना
भात भात कहके मर गयी है मुनिया
और ऑक्सीजन के बिना नवजात
कि हमारी नदियों का पानी
हमारी धरती की उर्वरा
और नीला आसमान
चोरी चला गया है खुले में
कि खाई और चौड़ी हो रही है।
अख़लाक़ मर गया है।
क्योंकि इसे पढ़ने के बाद
पड़ोसी से गप्प लगाना
मुश्किल हो जाएगा।
फिर आप अपनी बेटी से आंख नहीं मिला पाएंगे।
जिसे पढ़ के आप विचलित नहीं हो सकते
उसे मन लगा के पढो।
और लिखो
खूब लिखो
लिखते रहो
अपने समय मे लिखते दिखो
पन्ना दर पन्ना
अखबार के अखबार लिख दो
लिख दो के
आनेवाला कल हमारा है
कि हमने सीखा दी है पाकिस्तान को सबक
और अमेरिका तो अब लट्टू हुआ ही जा रहा है
और चीन भी सुधर गया है।
कि बहार ही बहार है।
देश अब तैयार है।
अर्थव्यवस्था और जीडीपी
चढ़ रहा है
देश आगे बढ़ रहा है।
मगर इस आगे बढ़ते हुए देश में
क्या छूट रहा है
इस पर कभी मत लिखना
कभी मत लिखना
जाति धर्म सम्प्रदाय की असलियत पे
किसी कलबुरगी की तरह
कि तुम्हारी पत्नी तुम्हारी राह
रोज तकती रहती है।
लिख के असहमत होने की कला
से बचो
तो बचे रह सकते हो
नहीं तो
गौरी लंकेश को तो भूल ही चुकी है जनता।

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