हे युधिष्ठिर
हम प्रणाम करते हैं तुम्हें
अपने कुलदेवता की तरह
हम सबमें तुम बसे हो
धर्मराज बने रहने के लिए
हमने तुम्हारी भाषा अपना ली है
हम बचा लेते हैं कथन को
झूठ होने से
जो सच भी नहीं होता है।
इस तरह
मन मैला नहीं होता
ग्लानि भी नहीं
उद्देश्य पूरा हो जाता है
कोई अंगुली भी नहीं उठा पाता है।
Tuesday, June 11, 2019
हे युधिष्टिर
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इतिहास राजनीति का युद्ध क्षेत्र है।
इतिहासलेखन का स्वरूप, इतिहासलेखन का उद्देश्य और इतिहासलेखन में समय-समय पर होने वाले परिवर्तनों का सीधा संबंध समकालीन राजनीति के साथ होता ह...
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